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स्लग विकसित भारत संकल्प यात्रा का ग्राम पंचायत बीसलपुर में हुआ आयोजन
एंकर सिकंदरा कानपुर देहात के विकासखंड संदलपुर क्षेत्र के ग्राम बीसलपुर में विकसित भारत संकल्प यात्रा का आयोजन किया गया जहां पर मुख्य अतिथि ब्लॉक प्रमुख संदलपुर राहुल तिवारी उर्फ मीनू तिवारी ने लोगों को केंद्र की मोदी व प्रदेश की योगी सरकार की उपलब्धियां के बारे में बताया वहीं ग्राम प्रधान द्वारा मुख्य अतिथि का स्वागत पुष्प माला पहनाकर किया गया बताते चलें कि ग्राम प्रधान मुलायम सिंह पाल के नेतृत्व में कार्यक्रम हुआ सरकार की प्रमुख योजनाओं का लाभ सभी तक पहुंचाने के लिए देशभर में विकसित भारत संकल्प योजना यात्रा कि जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके यह योजनाओं का लाभ सभी लाभार्थियों तक समय बध तरीके से पहुंचे इस कार्यक्रम में ग्राम पंचायत बीसलपुर में विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत विभिन्न विभिन्न विभागों सेअधिकारी वा कर्मचारी ने स्टार लगाकर केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी दी तथा गांव से शहर तक को समान विकास की रफ्तार दी जाए उन्होंने पक्का मकान जल नल योजना कनेक्शन बिजली कनेक्शन पीएम किसान सम्मन निधि जनधन खाता खुलवाए पीएम फसल योजना उज्ज्वला योजना इतिहास के तहत मिलने वाले लाभ का उल्लेख किया कहा कि देशभर के गांव सैकड़ो परिवारों को किसी भी सरकारी कार्यालय के चक्कर लगाना ना पड़े गांव के एक ही जगह पर सभी सुविधाओं का लाभ मिले और समस्या का समाधान हो इस मौके पर ग्राम विकास अधिकारी दिलीप कुमार पंचायत सहायक शिवम कप्तान किशोर प्रवीण द्विवेदी प्रधानाध्यापक पिंटू ग्राम प्रधान कसोलर छविराम रोहित राजेंद्र मनोहर सहित सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित रहे
आईपीएस आनंद मिश्रा ने दिया इस्तीफा, यह रही वजह…!
आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा जो वर्तमान में असम के लखीमपुर जिले में पुलिस अधीक्षक के रूप में तैनात हैं और मणिपुर जातीय संघर्ष पर विशेष जांच दल का हिस्सा हैं,
आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा जो वर्तमान में असम के लखीमपुर जिले में पुलिस अधीक्षक के रूप में तैनात हैं और मणिपुर जातीय संघर्ष पर विशेष जांच दल का हिस्सा हैं, ने “स्वतंत्रता और स्वतंत्रता” का जीवन जीने के लिए सेवा से अपना इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं। आनंद मिश्रा 2011 बैच के आईपीएस हैं उन्हें एक शानदार अधिकारी माना जाता है वह कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के प्रति अपने समर्पण और प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं।
असम के आईपीएस अफसर आनंद मिश्रा ने दिया इस्तीफा, बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा - assam ips officer anand mishra resigns may contest lok sabha elections on bjp बिहार से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे आईपीएस
आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा ने 18 दिसंबर को डीजीपी के माध्यम से असम के मुख्य सचिव को इस्तीफा सौंप दिया।
हालांकि मामला अब सामने आया है, आनंद ने अपना इस्तीफा मुख्य सचिव को भेजा है चर्चा है कि वह अगले साल यानी 2024 में लोकसभा चुनाव लड़ेंगे ऐसी संभावना है। कि वह बीजेपी के टिकट पर बिहार से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।
गरीब और असहाय लोगों की मदद के लिए मशीहा बनते नजर आ रहे समाजसेवी यूसुफ अंसारी ने आज मंगलवार को बजरियां स्थित अपने आवास पर सदर तहसीलदार कुंवर भूपेंद्र सिंह एवं रोशनी इलेक्ट्रॉनिक ग्रुप के सरपस्त यूसुफ अंसारी ने सहयोगियों के साथ तीन दर्जन गरीब महिलाओं को रजाईयां बांटने का काम कर दिखाया
उरई (जालौन)। रोशनी इलेक्ट्रॉनिक ग्रुप के सरपस्त एवं समाजसेवी यूसुफ अंसारी हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भीषण सर्दी से बचाव के लिए असहाय और बेसहारा गरीब दर्जनों महिलाओं अपने आवास पर सदर तहसीलदार उरई कुंवर भूपेन्द्र सिंह के मुख्य अतिथि में रजाईयों का वितरण किया गया। साहितिक एवं पहचान संस्था के उपाध्यक्ष एवं समाजसेवी यूसुफ अंसारी अलमारी वाले के नेतृत्व में साहितिक एवं पहचान संस्था के अध्यक्ष शफीकुर्रहमान कश्पी, चुन्ना हुसैन रिजवी, साबिर अंसारी, मुन्ना भाई, शब्बीर अंसारी, नासिर अंसारी, रियाज खान, आसिफ अंसार, यामीन अंसारी आदि सहयोगी के रूप में मौजूद रहे। इस मौके पर तहसीलदार कुंवर भूपेंद्र सिंह एवं समाजसेवी यूसुफ अंसारी गुलशन, विटोली, हमीदन, हसीना, सीमा, तबस्सुम, पूजा, ममता, वर्षा, रामदेई, गिरजा, अनीता, आमना, सलमा, आसिया, गुड्डी, राममूर्ति, आसिया, रीना, बिलकीस, छोटी बाई, चुन्नी देवी सहित तीन दर्जन महिलाओं को रजाईयों का वितरण किया।गरीब-असहाय महिलाओं ने रजाई मिलते उनके चेहरों पर खुशी नजर आयी।
UP Politics: बसपा नेता शाह आलम गुड्डू जमाली ने कहा कि 2024 का चुनाव देश के लिए काफी अहम है. हम संकल्प लेते हैं कि प्रदेश की ज्यादातर सीटों पर कब्जा कर मायावती को प्रधानमंत्री बनाएंगे.
BSP leader Guddu Jamali claims Mayawati will become Prime Minister in lok sabha election 2024 ann UP Politics: ऐसा हुआ तो 2024 में मायावती बनेंगी प्रधानमंत्री, बसपा नेता गुड्डू जमाली ने किया दावा
UP Politics: उत्तर प्रदेश में आगामी चुनाव को देखते हुए बहुजन समाज पार्टी अनुसूचित जाति और मुस्लिम के साथ पिछड़ों और अति पिछड़ों को भी अपने पक्ष में करने की मुहिम में जुट गई है, जिसके लिए चौहान सम्मेलन के जरिए पार्टी ने नया समीकरण साधने की कोशिश तेज कर दी हैं. बसपा की ओर से आजमगढ़ में चौहान युवा मंच व अखिल भारतीय चौहान महासभा के तत्वाधान में विधानसभा क्षेत्र मुबारकपुर के शाहगढ के एक मैरिज हाल में रविवार को एक विशाल जनसभा का आयोजन किया गया.
बसपा के इस सम्मेलन में मुख्य अतिथि पूर्व विधायक शाह आलम उर्फ़ गुड्डू जमाली और विशिष्ट अतिथि पूर्व एमएलसी डॉक्टर विजय प्रताप, हरिशचंद्र गौतम, वीरेंद्र चौहान ने हिस्सा लिया. इस कार्यक्रम में गुड्डू जमाली ने दावा किया कि 2024 का चुनाव बहुत अहम होने जा रहा है. इन चुनावों में बसपा की जीत होगी और बहन मायावती देश की प्रधानमंत्री बनेंगी. उन्होंने कहा कि देश में भाईचारा बना कर रखें, एक दूसरे की मदद कनेर से ही देश का भला होगा.
इस कार्यक्रम की शुरुआत में डॉक्टर भीम राव अंबेडकर बाबा साहब, सम्राट पृथ्वीराज चौहान और मान्यवर कांशी राम के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया गया. इस दौरान मुख्य अतिथि एवं पूर्व विधायक शाह आलम उर्फ़ गुड्डू जमाली ने कहा कि यह एक विचार गोष्ठी कार्यक्रम है. इसमें समाज को जागरूक होने की जरूरत है. समाज को शिक्षा के प्रति ईमानदारी रखनी होगी. तभी समाज अपने हक की लड़ाई लड़ सकेगा. बाबा साहब ने समाज के सभी लोगों को एक बड़ी ताकत दिया हैं. अपने महापुरुषों के बलिदान को याद कीजिए. देश में भाई चारा बनाए रखें. एक दूसरे की मदद करे तभी इस देश का भला हो सकता हैं.
शाह आलम गुड्डू जमाली ने कहा कि 2024 का चुनाव देश के लिए काफी अहम है और आज हम सब यहां संकल्प लेते हैं कि लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ सदर सीट सहित उत्तर प्रदेश की अधिकांश सीटों पर कब्जा करके बहन कुमारी मायावती जी को प्रधानमंत्री बनाएंगे. उन्होंने हाल में आजमगढ़ दौरे पर आए गृह मंत्री अमित शाह और सीएम योगी के बयानों पर कहा कि हर राजनीतिक दल के नेता अपने पक्ष की बात करते हैं उन्होंने भी किया, इसमें कुछ भी गलत नहीं है.
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कमलेश
चेहरा नीच करके बैठीं एक महिलाइमेज स्रोत,© HINDUSTAN TIMES VIA GETTY IMAGES
चेहरा नीच करके बैठीं एक महिला
दलित युवकों की डंडों से की पिटाई... दलित लड़की के साथ रेप... दलितों के मंदिर में घुसने पर रोक... जातिगत उत्पीड़न और भेदभाव की ऐसी ख़बरें नई नहीं लगतीं.
पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 साल की एक दलित युवती के साथ कथित गैंगरेप और हत्या का मामला भी ऐसी ही एक सुर्खी बनकर आया.
और एक बार फिर दलितों के उत्पीड़न पर सवाल उठने लगे. कहा गया कि आज़ादी के 73 सालों बाद भी आज दलित सामनता के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
हर साल कई ऐसे घटनाएं होती हैं जो दलितों के ख़िलाफ़ हिंसा की कहानी बयां करती हैं.
राजस्थान में डंगावास में दलितों के ख़िलाफ़ हिंसा (2015), रोहित वेमुला (2016), तमिलनाडु में 17 साल की दलित लड़की का गैंगरेप और हत्या (2016), तेज़ म्यूज़िक के चलते सहारनपुर हिंसा (2017), भीमा कोरेगांव (2018) और डॉक्टर पायल तड़वी की आत्महत्या (2019), इन मामलों की पूरे देश में चर्चा हुई लेकिन सिलसिला फिर भी रुका नहीं.
इस बात की तस्दीक़ करते हैं राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हालिया आंकड़े, जो बताते हैं कि दलितों के ख़िलाफ़ अत्याचार के मामले कम होने के बजाय बढ़े हैं.
2019 में बढ़े दलितों पर अत्याचार के मामले
एनसीआरबी ने हाल ही में भारत में अपराध के साल 2019 के आँकड़े जारी किए जिनके मुताबिक अनुसूचित जातियों के साथ अपराध के मामलों में साल 2019 में 7.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
जहां 2018 में 42,793 मामले दर्ज हुए थे वहीं, 2019 में 45,935 मामले सामने आए.
इनमें सामान्य मारपीट के 13,273 मामले, अनुसूचित जाति/ जनजाति (अत्याचार निवारण) क़ानून के तहत 4,129 मामले और रेप के 3,486 मामले दर्ज हुए हैं.
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सिर पर हाथ रखकर बैठा व्यक्तिइमेज स्रोत,HINDUSTAN TIMES VIA GETTY IMAGES
राज्यों में सबसे ज़्यादा मामले 2378 उत्तर प्रदेश में और सबसे कम एक मामला मध्य प्रदेश में दर्ज किया गया.
सबसे बड़ा सवाल- दलितों पर अत्याचार, कुछ तो करो सरकार | Sandeep Chaudhary के साथ LIVE मोदी के न्यू इंडिया मे सबसे बड़े गुनाह 1) दलित होना 2) किसान होना 3) लड़की होना 4) युवा होना
इसके अलावा जम्मू और कश्मीर, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैंड और त्रिपुरा में एससी/एसटी अधिनियम में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है.
अनुसूचित जनजातियों के ख़िलाफ़ अपराध में साल 2019 में 26.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
जहां 2018 में 6,528 मामले सामने आए थे वहीं, 2019 में 8,257 मामले दर्ज हुए हैं.
दलितों के साथ भेदभाव के मामले भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी सामने आ रहे हैं.
कैलिफ़ोर्निया के डिपार्टमेंट ऑफ़ फ़ेयर इंप्लायमेंट और हाउसिंग ने सिस्को कंपनी में एक दलित कर्मचारी के साथ जातिगत भेदभाव करने के चलते 30 जून को मुक़दमा दर्ज कराया था.
इसके एक दिन बाद अमरीका स्थित आंबेडकर किंग स्टडी सर्किल (एकेएससी) ने 60 भारतीयों के साथ हुए जातिगत असमानता के अनुभवों को प्रकाशित किया था.
अमरीकी कंपनी सिस्को में एक दलित कर्मचारी के साथ कथित भेदभाव
क़ानून में प्रावधान
भारत में दलितों की सुरक्षा के लिए अनुसूचित जाति/ जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 मौजूद है.
इसके तहत एससी और एसटी वर्ग के सदस्यों के ख़िलाफ़ किए गए अपराधों का निपटारा किया जाता है.
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की तस्वीरेंइमेज स्रोत,GETTY IMAGES
इसमें अपराधों के संबंध में मुकदमा चलाने और दंड देने से लेकर पीड़ितों को राहत एवं पुनर्वास देने का प्रावधान किया गया है.
साथ ही ऐसे मामलों के तेज़ी से निपटारे के लिए विशेष अदालतों का गठन भी किया जाता है.
इसके अलावा अस्पृश्यता पर रोक लगाने के लिए अस्पृश्यता (अपराध) अधिनियम, 1955 बनाया गया था जिसे बाद में बदलकर नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम कर दिया गया.
इसके तहत छुआछूत के प्रयोग एवं उसे बढ़ावा देने वाले मामलों में दंड का प्रावधान है.
लेकिन जानकार बताते हैं, कुछ मामले तो मीडिया और राजनीतिक पार्टियों के हस्तक्षेप के कारण सबकी नज़र में आ जाते हैं लेकिन कई तो पुलिस थानों में दर्ज़ भी नहीं हो पाते.
ऐसे में समस्या कहां है, क्या क़ानून कमज़ोर है या उसे बनाने और लागू करने वालों की इच्छा शक्ति में कमी है?
‘’जागरूकता की कीमत’’
दलित आंदोलनइमेज स्रोत,GETTY IMAGES
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दिनभर
दिनभर: पूरा दिन,पूरी ख़बर (Dinbhar)
वो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख़बरें जो दिनभर सुर्खियां बनीं.
दिनभर: पूरा दिन,पूरी ख़बर
समाप्त
दलित हिंसा के लिए जानकार सामाजिक और राजनीतिक कारणों को ज़िम्मेदार मानते हैं.
दलित चिंतक चंद्रभान प्रसाद इसे दलितों में आ रही जागरूकता और मज़बूती की कीमत बताते हैं.
वो कहते हैं, “पहले दलितों पर हिंसक हमले नहीं होते थे. पहले छोटी-मोटी मारपीट की घटनाएं होती थीं. लेकिन, हिंसक वारदातें पिछले 10-15 सालों में बढ़ी हैं. जैसे-जैसे दलितों की तरक्की हो रही है वैसे-वैसे उन पर हमले बढ़ रहे हैं. यह क़ानूनी समस्या नहीं है बल्कि सामाजिक समस्या है."
चंद्रभान प्रसाद बताते हैं कि अमरीका में एक समय पर काले लोगों की चौराहों पर लिंचिंग होने लगी थी और यह सिलसिला 50 साल तक चला था.
उन्होंने बताया, "अमरीका में काले लोगों लिंचिंग तब शुरू होती है जब एक जनवरी, 1863 को अब्राहम लिंकन दासता उन्मूलन की घोषणा करते हैं. यानी जब तक काले किसी के गुलाम थे तब तक सुरक्षित थे क्योंकि वे किसी की संपत्ति थे. उनकी लिचिंग गुलामी के दौरान नहीं होती थी, उन पर किसी तरह की हिंसा होती भी थी तो केवल मालिक ही कर सकता था. कोई दूसरा गोरा आदमी आकर उनपर हमला नहीं कर सकता था क्योंकि मालिक अपनी संपत्ति की रक्षा करता था."
"जब काले लोगों को आज़ादी मिली तब उनकी लिंचिंग शुरू हुई. ठीक उसी तरह से भारत में संविधान और विभिन्न संस्थाओं के चलते जो आज़ादी दलितों को पिछले 73 साल में मिली है, उन्हें उसका मूल्य चुकाना पड़ रहा है और ये हिंसा आने वाले दिनों में बढ़ेगी."
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हाथरस केस से फिर उठा सवाल, पुलिस सिस्टम में है जातिवाद?
क्यों दलितों और सवर्णों के बीच टकराव बढ़ने की आशंका है?
वहीं, दलित नेता उदित राज कहते हैं कि सबसे पहले लोगों को ये स्वीकार करना होगा कि जातिगत भेदभाव होता है क्योंकि आज कई पढ़े-लिखे लोग भी ये मानने को तैयार नहीं होते.
उदित राज बीजेपी पर आरोप लगाते हैं कि सरकार निजीकरण लाकर आरक्षण की व्यवस्था ख़त्म करके इस असमानता को और बढ़ा रही है.
वो कहते हैं,"मौजूदा सरकार में नौकरशाहों के बीच डर ख़त्म हुआ है. जब नेताओं को ही दलितों की चिंता नहीं होगी तो इसका दबाव नौकरशाही पर कैसे बनाएंगे. "
ख़ाली पड़े अहम पद
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग और राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग में अध्यक्ष पद लंबे समय से खाली पड़े हैं.
सरकार की ओर से इन पर कोई नियुक्ति नहीं की गई है. ये संस्थाएं अनुसूचित जाति और जनजातियों के ख़िलाफ़ हो रहे अत्याचार पर नज़र रखती हैं.
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोगों की वेबसाइट पर भी अध्यक्ष के अलावा कई अन्य पद वैकेंट (रिक्त) दिखाई देते हैं.
उदित राज कहते हैं, “इन संस्थाओं की ऐसी स्थिति सरकार की इनके प्रति गंभीरता को दिखाती है. अगर सरकार वाकई दलितों को लेकर चिंतित होती तो क्या इतने महत्वूपर्ण पद भरे नहीं जाते? एक तरह से आप इन संस्थाओं को कमज़ोर ही कर रहे हैं.“
“पहले ही ये संस्थाएं बहुत ताकतवर नहीं हैं. इनके पास ना तो वित्तीय ताकत है और ना ही नियुक्तियां करने की स्वतंत्रता. इस कामों में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की भूमिका होती है. लेकिन, फिर भी ये संस्थाएं दबाव बनाने का काम करती हैं और ऐसे मामलों में पुलिस-प्रशासन से जवाब मांग सकती हैं.”
दलित रैलीइमेज स्रोत,GETTY IMAGES
हर स्तर पर भेदभाव
उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशकवीएन राय का मानना है कि समस्या क़ानून में नहीं बल्कि उनके क्रियान्वयन में है.
वीएन राय कहते हैं, “हमारे देश में क़ानून तो बहुत हैं लेकिन समस्या सामाजिक मूल्यों की है. अब भी ऊंची जाति के लोग दलितों को मनुष्यों का और बराबरी का दर्जा देने के लिए तैयार नहीं हैं. इसमें परिवर्तन हो रहा है लेकिन वो बहुत धीमा है.
“मीडिया, पुलिस महकमा, न्याय व्यवस्था सब जगह सोचने का तरीका अभी पूरी तरह बदला नहीं है. पुलिस स्टेशन पहली जगह है जहां कोई पीड़ित जाता है लेकिन कई बार वहां पर उसे बेरुखी मिलती है. न्याय पाना गरीबों के लिए हमेशा मुश्किल होता है और दलितों का एक बड़ा वर्ग आर्थिक रूप से कमज़ोर है.”
वीएन राय सुझाव देते हैं कि इसमें बदलाव के लिए सबसे पहले दलितों की आर्थिक स्थिति में सुधार किए जाने की ज़रूरत है.
वो कहते हैं कि गांवों में ज़मीन या संपत्ति का बंटवारा होना चाहिए ताकि वो भी आर्थिक तौर पर मजबूत हो सकें. इसके अलावा अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देना भी ज़रूरी है जिससे जाति की बेड़ियां टूट सकें.
पुलिस में क्या सुधार हो? इसके जवाब में वो कहते हैं कि पुलिस के व्यवहार में सुधार की बहुत ज़रूरत है, अपराध दर्ज कर कार्रवाई करना ही काफी नहीं है बल्कि ये काम संवेदनशीलता और गंभीरता के साथ किया जाना भी ज़रूरी है.
👉घोसी विधान सभा सीट के जीत की खुशी मे समाजवादी पार्टी कार्यालय भदरौली पर मनाया जीत का जश्न,
ब्यूरो डेस्क लक्ष्यसीमा न्यूज।
आगरा: समाजवादी पार्टी कार्यालय भदरौली पर श्रीकृष्ण वर्मा जिलाध्यक्ष समाजवादी पार्टी ने घोसी विधान सभा सीट की जीत की खुशी मे मनाया जश्न । श्रीकृष्ण वर्मा ने कार्यकर्ताओ और जनता मे लड्डू बाट कर खुशी का इजहार किया।
जिलाध्यक्ष श्रीकृष्ण वर्मा ने कार्यकर्ताओ से 2024 के लोक सभा चुनाव के लिए जोश भरा और लोगो से कहा कि समाजवादी पार्टी के कार्यो को लेकर लोगो के बीच मे जाये। निश्चित ही झुमले बाजो की सरकार का अंत होगा और समाजवादियो की जीत होगी।
इस मौके पर , प्रमोद वर्मा ,राधे वर्मा , ,अतर सिह नरवरिया,राजुद्दीन, राजवीर सिह दिलीप वर्मा,पुष्पेन्द वर्मा,डाक्टर रामशंकर, शेरसिंह नरवरिया, नीरज,बिपिन बघेल आदि उपस्थित हुए।
औरैया के बाबरपुर इस्लामनगर में मनाया गया चेहलम का त्यौहार शांतिपूर्वक घुमाऐ गये ताजिए।
औरैया के बाबरपुर इस्लामनगर में मनाया गया चेहलम का त्यौहार शांतिपूर्वक घुमाऐ गये ताजिए।
जनपद औरैया के अजीतमल तहसील के अंतर्गत बाबरपुर कस्बा इस्लामनगर में चेहलम का त्यौहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया और ताजिए भी घुमाऐ गये सभी मुस्लिम भाइयों ने आपस में गले मिलकर नफरतों को प्यार में बदल दिया जिसमें मुख्य रूप से शामिल रहे आमिर कुरैशी आसिफ सानू जावेद सद्दाम आमिर रोहित इन सभी लोगों ने मिलकर ताजिया बनाने वाले फरीद अहमद को शील्ड देकर सम्मानित किया?
जिलाधिकारी ने शिक्षक-शिक्षिकाओं को प्रशस्ति पत्र देकर किया सम्मानित, शिक्षक दिवस पर जनपद भर के विद्यालयों में आयोजित हुए कार्यक्रम।
डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से समूचे शिक्षक समुदाय को मिलती रहेगी प्रेरणा- डी0एम0
महान दार्शनिक, विद्वान, शिक्षाविद् एवं पूर्व राष्ट्रपति डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस पर पूरे जिले में आयोजित समारोह में शिक्षक-शिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया। इसी क्रम में जिलाधिकारी डा0 उज्ज्वल कुमार द्वारा शिक्षक दिवस के सुवअवसर पर उत्कृष्ट प्रधानाचार्यों, शिक्षकों को जनपद स्तर पर शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। क्रार्यक्रम के मुख्य अतिथि क्षेत्रीय सांसद डाॅ चन्द्रसैन जादौन रहें। इस सम्मान समारोह में शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करने वाले 10 प्रधानाचार्य, शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की महत्पूर्ण विशेषता यह रही कि कार्यक्रम में राजकीय, अशासकीय एवं वित्तविहीन विद्यालयों प्रधानाचार्य एवं शिक्षकगण सम्मिलित किये गये। जिलाधिकारी ने अपने सम्बोधन में कहा शिक्षक राष्ट्र के निर्माता हंै, आपको अपना श्रेष्ठ योगदान समाज एवं राष्ट्र हित में अपेक्षित है। क्षेत्रीय सांसद द्वारा अपने सम्बोधन में कहा कि समाज में शिक्षक ही समाज सुधारने का कार्य कर रहे हैं। उन्होने कहा कि हमें आपकी कार्यशैली पर गर्व है। सम्मानित शिक्षकों में राजकीय माध्यमिक विद्यालय बालक व बालिका से चयनित 02 प्रधानाचार्य एवं 02 अध्यापक प्रधानाचार्या राजकीय बालिका इण्टर काॅलेज टूण्डला, फिरोजाबाद मुदिता पाण्डेय, प्रधानाध्यापक राजकीय हाईस्कूल सोथरा, फिरोजाबाद रामपाल सिंह, सहायक अध्यापक राजकीय हाईस्कूल बसई मुहम्मदपुर, फिरोजाबाद के0वी0 सिंह, सहायक अध्यापक राजकीय हाईस्कूल कारीखेड़ा, फिरोजाबाद रमेश चन्द्र कठेरिया। अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय बालक व बालिका से चयनित 02 प्रधानाचार्य एवं 02 अध्यापक प्रधानाचार्या सुगरा बेगम गल्र्स इण्टर काॅलेज, फिरोजाबाद डा0 शमशाद बानो। प्रधानाचार्य श्री राणा प्रताप सिसोदिया इण्टर काॅलेज भौडे़ला टूण्डला फिरोजाबाद राजपाल ंिसंह, पी0टी0आई0 श्री पी0डी0 जैन इण्टर काॅलेज, फिरोजाबाद रविनन्दन, प्रवक्ता लोक राष्ट्रीय इण्टर काॅलेज, जसराना फिरोजाबाद अरूण कुमार। स्ववित्त पोषित माध्यमिक विद्यालय बालक व बालिका से चयनित 01 प्रधानाचार्य एवं 01 अध्यापक प्रधानाचार्य प्रहलादराय टिकमानी सरस्वती विद्या मन्दिर इ0का0 शिकोहाबाद फिरोजााबद सुभाष चन्द्र सिसौदिया, प्रवक्ता पुरातन सरस्वती विद्या मन्दिर इ0का0 शिकोहाबाद नारायण हरी हैं। कार्यक्रम का संचालन अशोक अनुरागी प्रधानचार्य, राजकीय हाईस्कूल बसई मुहम्मदपुर फिरोजाबाद द्वारा किया गया। शिक्षक सम्मान समारोह के अन्त में प्रभारी जिला विद्यालय निरीक्षक फिरोजाबाद मुदिता पाण्डेय द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया।
कार्यक्रम के उपरांत जिलाधिकारी प्राथमिक विद्यालय दबीयाई पहुंचे वहां उन्होने जनपद के सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज का दिन सभी के लिए प्रेरणास्रोत है, जब एक शिक्षक विभिन्न कठिनाईयों से जूझता हुआ भारत के सर्वोच्च संवैधनिक पद पर पहुॅचा। डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से सदैव ही समूचे शिक्षक समुदाय को प्रेरणा प्राप्त होती रहेगी। उन्होंने शिक्षकों को कर्तव्यबोध का एहसास कराते हुए कहा कि शिक्षक सदैव से ही सम्माननीय रहा है। आज के दौर में शैक्षणिक कार्य और अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है, क्योंकि अभिभावक अपने बच्चे को अधिकाधिक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाना चाहता है। सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक रूप से सुधार करते हुए विभिन्न मानकों को पूरा किया गया है। बहुत सारे शिक्षकों द्वारा नवाचार और स्वयं की प्रेरणा से विद्यालयों को सुधारा गया है। इस प्रकार से वर्तमान में छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो रहीं है। उन्होंने कर्तव्यबोध कराते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति का स्थान निर्धारित करता है कि आपका दायित्व क्या है। उन्होंने नकारात्मकता को छोड़ सकारात्मकता की ओर बढ़ने का संदेश देते हुए कहा कि इससे नये रास्ते खुलते हैं। कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी ने अध्यापक व अध्यापिकाओं को प्रशस्ति पत्र व बच्चों को स्कूल बैग वितरित किए, स्कूल बैग पाकर बच्चे गदगद खुश हो गए। कार्यक्रम के दौरान मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन, एसडीएम विवेक कुमार मिश्रा, बेसिक शिक्षाधिकारी आशीष पाण्डेय, हुमाना प्रोग्राम मैनेजर क्रिस्टीना सहित स्कूली छात्र-छात्राऐं एवं अध्यापक व अध्यापिकाऐं उपस्थित रहें।
कन्नौज ब्रेकिंग-- आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे पर भीषण हादसा,
तेज रफ्तार बस अनियंत्रित होकर पलटी,खाई में गिरी, बस में सवार एक महिला यात्री की हुई मौत, 20 से अधिक लोग हुए घायल,
सभी गंभीर घायलों को अस्पताल में कराया गया भर्ती, लखनऊ से आगरा जा रही थी बस,
मौके पर पहुँची पुलिस, सौरिख थाना क्षेत्र के 148 कट के पास हुआ हादसा।
नन्द बाबा दुग्ध मिशन" के अन्तर्गत गौवंशीय पशुओं में नस्ल सुधार एवं दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि हेतु""नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना" संचालित, उठाएं लाभ।
कानपुर देहात -संवाददाता/ कुलदीप कुमार/
जिलाधिकारी नेहा जैन ने बताया कि "नन्द बाबा दुग्ध मिशन" के अन्तर्गत गौवंशीय पशुओं में नस्ल सुधार एवं दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि हेतु"नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना" सरकार द्वारा प्रदेश के दस मण्डल मुख्यालयों के जनपदो अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज लखनऊ, कानपुर, झांसी, मेरठ, आगरा एवं बरेली में संचालित की जायेगी।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में उच्च उत्पादन क्षमता के गोवंश का संवर्धन, पशुओं की दुग्ध उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी।
प्रदेश में पशुपालकों के लिए उच्च उत्पादन क्षमता के गोवंश की उपलब्धता सुनिश्चित करना ।
रोजगार के अवसर प्रदान करना। पशुपालकों की आय को बढ़ाना।
उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में प्रदेश में 25 दुधारू गाय की 35 इकाईयां स्थापित की जायेंगी।
10 दुधारू गायों में साहीवाल, गिर, थारपारकर एवं गंगातीरी प्रजाति की गाये ही सम्मिलित की जायेगी। परन्तु गंगातीरी नस्ल के गोपाली इकाईयों में अधिकतम पांच गंगातीरी गोवंश अनुमन्य होंगे। परियोजना के दो विकल्प होंगे।
(क) लागत रु. 62,50,000 साहीवाल अथवा गिर अथया थारपारकर नस्ल के 25 गोवंश हेतु रु.100000 प्रति गोवंश के आधार पर आगणन किया जायेगा।
(ख) लागत रु.61,00,000 साहीवाल अथवा गिर अथवा थारपारकर नस्ल के 20 गोवंश के साथ- साथ गंगातीरी नस्ल के अधिकतम 5 गोवा गंगातीरी गोवंश क्रय का मूल्य रु. 70,000 प्रतिगोवंश के आधार पर आगणित किया जाएगा तथा साहीवाल अथवा गिर अथवा थारपारकर नस्ल की गायों का आगणन रु.100000 प्रतिगोवंश के आधार पर किया जायेगा।
कुल अनुदान परियोजना लागत का 50 प्रतिशत देय होगा।
(क) रु. 31,25,000 (साहीवाल अथवा गिर अथवा थारपारकर नस्ल के 25 गोवंश इकाई के लिए।
(ख) रु.30,50,000 (सायास अथवा गिर अथवा धारपारकर नस्ल के 20 गौवंश के साथ-साथ
5 गंगातीरी नस्ल की गाय हेतु।
लाभार्थी की पात्रता-
लाभार्थी स्थानीय निवासी होना चाहिए।लाभार्थी का आधार कार्ड अथवा पहचान पत्र होना चाहिए। गोपालन अथया महिष पालन का कम से कम तीन वर्षों का अनुभव होना चाहिए तथा
इसका प्रमाण सम्बन्धित मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा दिया गया हो।
इकाई स्थापना हेतु लगभग 0.5 एकड़ भूमि आवश्यक होगी। इसके अतिरिक्त लगभग 1.5 एकड़ की भूमि चारा उत्पादन हेतु स्वयं की अथवा पैतृक /साझेदारी अथवा न्यूनतम 07 वर्षों के लिए पंजीकृत अनुबंध पर भी गयी हो तथा भूमि परियोजना के अनुकूल (जलभराव इत्यादि से मुक्त हो। पूर्व में संचालित कामधेनु अथवा मिनी कामधेनु अथवा माइको कामधेनु योजना के लाभार्थियों को इस योजना का लाभ नहीं दिया जा सकेगा।
रिपोर्टर नरेंद्र कुमार लोकेशन सिकंदरा
स्लग विकसित भारत संकल्प यात्रा का ग्राम पंचायत बीसलपुर में हुआ आयोजन
एंकर सिकंदरा कानपुर देहात के विकासखंड संदलपुर क्षेत्र के ग्राम बीसलपुर में विकसित भारत संकल्प यात्रा का आयोजन किया गया जहां पर मुख्य अतिथि ब्लॉक प्रमुख संदलपुर राहुल तिवारी उर्फ मीनू तिवारी ने लोगों को केंद्र की मोदी व प्रदेश की योगी सरकार की उपलब्धियां के बारे में बताया वहीं ग्राम प्रधान द्वारा मुख्य अतिथि का स्वागत पुष्प माला पहनाकर किया गया बताते चलें कि ग्राम प्रधान मुलायम सिंह पाल के नेतृत्व में कार्यक्रम हुआ सरकार की प्रमुख योजनाओं का लाभ सभी तक पहुंचाने के लिए देशभर में विकसित भारत संकल्प योजना यात्रा कि जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके यह योजनाओं का लाभ सभी लाभार्थियों तक समय बध तरीके से पहुंचे इस कार्यक्रम में ग्राम पंचायत बीसलपुर में विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत विभिन्न विभिन्न विभागों सेअधिकारी वा कर्मचारी ने स्टार लगाकर केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी दी तथा गांव से शहर तक को समान विकास की रफ्तार दी जाए उन्होंने पक्का मकान जल नल योजना कनेक्शन बिजली कनेक्शन पीएम किसान सम्मन निधि जनधन खाता खुलवाए पीएम फसल योजना उज्ज्वला योजना इतिहास के तहत मिलने वाले लाभ का उल्लेख किया कहा कि देशभर के गांव सैकड़ो परिवारों को किसी भी सरकारी कार्यालय के चक्कर लगाना ना पड़े गांव के एक ही जगह पर सभी सुविधाओं का लाभ मिले और समस्या का समाधान हो इस मौके पर ग्राम विकास अधिकारी दिलीप कुमार पंचायत सहायक शिवम कप्तान किशोर प्रवीण द्विवेदी प्रधानाध्यापक पिंटू ग्राम प्रधान कसोलर छविराम रोहित राजेंद्र मनोहर सहित सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित रहे
आईपीएस आनंद मिश्रा ने दिया इस्तीफा, यह रही वजह…!
आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा जो वर्तमान में असम के लखीमपुर जिले में पुलिस अधीक्षक के रूप में तैनात हैं और मणिपुर जातीय संघर्ष पर विशेष जांच दल का हिस्सा हैं,
आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा जो वर्तमान में असम के लखीमपुर जिले में पुलिस अधीक्षक के रूप में तैनात हैं और मणिपुर जातीय संघर्ष पर विशेष जांच दल का हिस्सा हैं, ने “स्वतंत्रता और स्वतंत्रता” का जीवन जीने के लिए सेवा से अपना इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं। आनंद मिश्रा 2011 बैच के आईपीएस हैं उन्हें एक शानदार अधिकारी माना जाता है वह कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के प्रति अपने समर्पण और प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं।
असम के आईपीएस अफसर आनंद मिश्रा ने दिया इस्तीफा, बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा - assam ips officer anand mishra resigns may contest lok sabha elections on bjp बिहार से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे आईपीएस
आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा ने 18 दिसंबर को डीजीपी के माध्यम से असम के मुख्य सचिव को इस्तीफा सौंप दिया।
हालांकि मामला अब सामने आया है, आनंद ने अपना इस्तीफा मुख्य सचिव को भेजा है चर्चा है कि वह अगले साल यानी 2024 में लोकसभा चुनाव लड़ेंगे ऐसी संभावना है। कि वह बीजेपी के टिकट पर बिहार से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।
गरीब और असहाय लोगों की मदद के लिए मशीहा बनते नजर आ रहे समाजसेवी यूसुफ अंसारी ने आज मंगलवार को बजरियां स्थित अपने आवास पर सदर तहसीलदार कुंवर भूपेंद्र सिंह एवं रोशनी इलेक्ट्रॉनिक ग्रुप के सरपस्त यूसुफ अंसारी ने सहयोगियों के साथ तीन दर्जन गरीब महिलाओं को रजाईयां बांटने का काम कर दिखाया
उरई (जालौन)। रोशनी इलेक्ट्रॉनिक ग्रुप के सरपस्त एवं समाजसेवी यूसुफ अंसारी हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भीषण सर्दी से बचाव के लिए असहाय और बेसहारा गरीब दर्जनों महिलाओं अपने आवास पर सदर तहसीलदार उरई कुंवर भूपेन्द्र सिंह के मुख्य अतिथि में रजाईयों का वितरण किया गया। साहितिक एवं पहचान संस्था के उपाध्यक्ष एवं समाजसेवी यूसुफ अंसारी अलमारी वाले के नेतृत्व में साहितिक एवं पहचान संस्था के अध्यक्ष शफीकुर्रहमान कश्पी, चुन्ना हुसैन रिजवी, साबिर अंसारी, मुन्ना भाई, शब्बीर अंसारी, नासिर अंसारी, रियाज खान, आसिफ अंसार, यामीन अंसारी आदि सहयोगी के रूप में मौजूद रहे। इस मौके पर तहसीलदार कुंवर भूपेंद्र सिंह एवं समाजसेवी यूसुफ अंसारी गुलशन, विटोली, हमीदन, हसीना, सीमा, तबस्सुम, पूजा, ममता, वर्षा, रामदेई, गिरजा, अनीता, आमना, सलमा, आसिया, गुड्डी, राममूर्ति, आसिया, रीना, बिलकीस, छोटी बाई, चुन्नी देवी सहित तीन दर्जन महिलाओं को रजाईयों का वितरण किया।गरीब-असहाय महिलाओं ने रजाई मिलते उनके चेहरों पर खुशी नजर आयी।
UP Politics: बसपा नेता शाह आलम गुड्डू जमाली ने कहा कि 2024 का चुनाव देश के लिए काफी अहम है. हम संकल्प लेते हैं कि प्रदेश की ज्यादातर सीटों पर कब्जा कर मायावती को प्रधानमंत्री बनाएंगे.
BSP leader Guddu Jamali claims Mayawati will become Prime Minister in lok sabha election 2024 ann UP Politics: ऐसा हुआ तो 2024 में मायावती बनेंगी प्रधानमंत्री, बसपा नेता गुड्डू जमाली ने किया दावा
UP Politics: उत्तर प्रदेश में आगामी चुनाव को देखते हुए बहुजन समाज पार्टी अनुसूचित जाति और मुस्लिम के साथ पिछड़ों और अति पिछड़ों को भी अपने पक्ष में करने की मुहिम में जुट गई है, जिसके लिए चौहान सम्मेलन के जरिए पार्टी ने नया समीकरण साधने की कोशिश तेज कर दी हैं. बसपा की ओर से आजमगढ़ में चौहान युवा मंच व अखिल भारतीय चौहान महासभा के तत्वाधान में विधानसभा क्षेत्र मुबारकपुर के शाहगढ के एक मैरिज हाल में रविवार को एक विशाल जनसभा का आयोजन किया गया.
बसपा के इस सम्मेलन में मुख्य अतिथि पूर्व विधायक शाह आलम उर्फ़ गुड्डू जमाली और विशिष्ट अतिथि पूर्व एमएलसी डॉक्टर विजय प्रताप, हरिशचंद्र गौतम, वीरेंद्र चौहान ने हिस्सा लिया. इस कार्यक्रम में गुड्डू जमाली ने दावा किया कि 2024 का चुनाव बहुत अहम होने जा रहा है. इन चुनावों में बसपा की जीत होगी और बहन मायावती देश की प्रधानमंत्री बनेंगी. उन्होंने कहा कि देश में भाईचारा बना कर रखें, एक दूसरे की मदद कनेर से ही देश का भला होगा.
इस कार्यक्रम की शुरुआत में डॉक्टर भीम राव अंबेडकर बाबा साहब, सम्राट पृथ्वीराज चौहान और मान्यवर कांशी राम के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया गया. इस दौरान मुख्य अतिथि एवं पूर्व विधायक शाह आलम उर्फ़ गुड्डू जमाली ने कहा कि यह एक विचार गोष्ठी कार्यक्रम है. इसमें समाज को जागरूक होने की जरूरत है. समाज को शिक्षा के प्रति ईमानदारी रखनी होगी. तभी समाज अपने हक की लड़ाई लड़ सकेगा. बाबा साहब ने समाज के सभी लोगों को एक बड़ी ताकत दिया हैं. अपने महापुरुषों के बलिदान को याद कीजिए. देश में भाई चारा बनाए रखें. एक दूसरे की मदद करे तभी इस देश का भला हो सकता हैं.
शाह आलम गुड्डू जमाली ने कहा कि 2024 का चुनाव देश के लिए काफी अहम है और आज हम सब यहां संकल्प लेते हैं कि लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ सदर सीट सहित उत्तर प्रदेश की अधिकांश सीटों पर कब्जा करके बहन कुमारी मायावती जी को प्रधानमंत्री बनाएंगे. उन्होंने हाल में आजमगढ़ दौरे पर आए गृह मंत्री अमित शाह और सीएम योगी के बयानों पर कहा कि हर राजनीतिक दल के नेता अपने पक्ष की बात करते हैं उन्होंने भी किया, इसमें कुछ भी गलत नहीं है.
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कमलेश
चेहरा नीच करके बैठीं एक महिलाइमेज स्रोत,© HINDUSTAN TIMES VIA GETTY IMAGES
चेहरा नीच करके बैठीं एक महिला
दलित युवकों की डंडों से की पिटाई... दलित लड़की के साथ रेप... दलितों के मंदिर में घुसने पर रोक... जातिगत उत्पीड़न और भेदभाव की ऐसी ख़बरें नई नहीं लगतीं.
पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 साल की एक दलित युवती के साथ कथित गैंगरेप और हत्या का मामला भी ऐसी ही एक सुर्खी बनकर आया.
और एक बार फिर दलितों के उत्पीड़न पर सवाल उठने लगे. कहा गया कि आज़ादी के 73 सालों बाद भी आज दलित सामनता के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
हर साल कई ऐसे घटनाएं होती हैं जो दलितों के ख़िलाफ़ हिंसा की कहानी बयां करती हैं.
राजस्थान में डंगावास में दलितों के ख़िलाफ़ हिंसा (2015), रोहित वेमुला (2016), तमिलनाडु में 17 साल की दलित लड़की का गैंगरेप और हत्या (2016), तेज़ म्यूज़िक के चलते सहारनपुर हिंसा (2017), भीमा कोरेगांव (2018) और डॉक्टर पायल तड़वी की आत्महत्या (2019), इन मामलों की पूरे देश में चर्चा हुई लेकिन सिलसिला फिर भी रुका नहीं.
इस बात की तस्दीक़ करते हैं राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हालिया आंकड़े, जो बताते हैं कि दलितों के ख़िलाफ़ अत्याचार के मामले कम होने के बजाय बढ़े हैं.
2019 में बढ़े दलितों पर अत्याचार के मामले
एनसीआरबी ने हाल ही में भारत में अपराध के साल 2019 के आँकड़े जारी किए जिनके मुताबिक अनुसूचित जातियों के साथ अपराध के मामलों में साल 2019 में 7.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
जहां 2018 में 42,793 मामले दर्ज हुए थे वहीं, 2019 में 45,935 मामले सामने आए.
इनमें सामान्य मारपीट के 13,273 मामले, अनुसूचित जाति/ जनजाति (अत्याचार निवारण) क़ानून के तहत 4,129 मामले और रेप के 3,486 मामले दर्ज हुए हैं.
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मुसलमान लड़की से प्यार करने वाले दलित युवक की हत्या, क्या है पूरा मामला
सिर पर हाथ रखकर बैठा व्यक्तिइमेज स्रोत,HINDUSTAN TIMES VIA GETTY IMAGES
राज्यों में सबसे ज़्यादा मामले 2378 उत्तर प्रदेश में और सबसे कम एक मामला मध्य प्रदेश में दर्ज किया गया.
सबसे बड़ा सवाल- दलितों पर अत्याचार, कुछ तो करो सरकार | Sandeep Chaudhary के साथ LIVE मोदी के न्यू इंडिया मे सबसे बड़े गुनाह 1) दलित होना 2) किसान होना 3) लड़की होना 4) युवा होना
इसके अलावा जम्मू और कश्मीर, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैंड और त्रिपुरा में एससी/एसटी अधिनियम में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है.
अनुसूचित जनजातियों के ख़िलाफ़ अपराध में साल 2019 में 26.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
जहां 2018 में 6,528 मामले सामने आए थे वहीं, 2019 में 8,257 मामले दर्ज हुए हैं.
दलितों के साथ भेदभाव के मामले भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी सामने आ रहे हैं.
कैलिफ़ोर्निया के डिपार्टमेंट ऑफ़ फ़ेयर इंप्लायमेंट और हाउसिंग ने सिस्को कंपनी में एक दलित कर्मचारी के साथ जातिगत भेदभाव करने के चलते 30 जून को मुक़दमा दर्ज कराया था.
इसके एक दिन बाद अमरीका स्थित आंबेडकर किंग स्टडी सर्किल (एकेएससी) ने 60 भारतीयों के साथ हुए जातिगत असमानता के अनुभवों को प्रकाशित किया था.
अमरीकी कंपनी सिस्को में एक दलित कर्मचारी के साथ कथित भेदभाव
क़ानून में प्रावधान
भारत में दलितों की सुरक्षा के लिए अनुसूचित जाति/ जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 मौजूद है.
इसके तहत एससी और एसटी वर्ग के सदस्यों के ख़िलाफ़ किए गए अपराधों का निपटारा किया जाता है.
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की तस्वीरेंइमेज स्रोत,GETTY IMAGES
इसमें अपराधों के संबंध में मुकदमा चलाने और दंड देने से लेकर पीड़ितों को राहत एवं पुनर्वास देने का प्रावधान किया गया है.
साथ ही ऐसे मामलों के तेज़ी से निपटारे के लिए विशेष अदालतों का गठन भी किया जाता है.
इसके अलावा अस्पृश्यता पर रोक लगाने के लिए अस्पृश्यता (अपराध) अधिनियम, 1955 बनाया गया था जिसे बाद में बदलकर नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम कर दिया गया.
इसके तहत छुआछूत के प्रयोग एवं उसे बढ़ावा देने वाले मामलों में दंड का प्रावधान है.
लेकिन जानकार बताते हैं, कुछ मामले तो मीडिया और राजनीतिक पार्टियों के हस्तक्षेप के कारण सबकी नज़र में आ जाते हैं लेकिन कई तो पुलिस थानों में दर्ज़ भी नहीं हो पाते.
ऐसे में समस्या कहां है, क्या क़ानून कमज़ोर है या उसे बनाने और लागू करने वालों की इच्छा शक्ति में कमी है?
‘’जागरूकता की कीमत’’
दलित आंदोलनइमेज स्रोत,GETTY IMAGES
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दिनभर
दिनभर: पूरा दिन,पूरी ख़बर (Dinbhar)
वो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख़बरें जो दिनभर सुर्खियां बनीं.
दिनभर: पूरा दिन,पूरी ख़बर
समाप्त
दलित हिंसा के लिए जानकार सामाजिक और राजनीतिक कारणों को ज़िम्मेदार मानते हैं.
दलित चिंतक चंद्रभान प्रसाद इसे दलितों में आ रही जागरूकता और मज़बूती की कीमत बताते हैं.
वो कहते हैं, “पहले दलितों पर हिंसक हमले नहीं होते थे. पहले छोटी-मोटी मारपीट की घटनाएं होती थीं. लेकिन, हिंसक वारदातें पिछले 10-15 सालों में बढ़ी हैं. जैसे-जैसे दलितों की तरक्की हो रही है वैसे-वैसे उन पर हमले बढ़ रहे हैं. यह क़ानूनी समस्या नहीं है बल्कि सामाजिक समस्या है."
चंद्रभान प्रसाद बताते हैं कि अमरीका में एक समय पर काले लोगों की चौराहों पर लिंचिंग होने लगी थी और यह सिलसिला 50 साल तक चला था.
उन्होंने बताया, "अमरीका में काले लोगों लिंचिंग तब शुरू होती है जब एक जनवरी, 1863 को अब्राहम लिंकन दासता उन्मूलन की घोषणा करते हैं. यानी जब तक काले किसी के गुलाम थे तब तक सुरक्षित थे क्योंकि वे किसी की संपत्ति थे. उनकी लिचिंग गुलामी के दौरान नहीं होती थी, उन पर किसी तरह की हिंसा होती भी थी तो केवल मालिक ही कर सकता था. कोई दूसरा गोरा आदमी आकर उनपर हमला नहीं कर सकता था क्योंकि मालिक अपनी संपत्ति की रक्षा करता था."
"जब काले लोगों को आज़ादी मिली तब उनकी लिंचिंग शुरू हुई. ठीक उसी तरह से भारत में संविधान और विभिन्न संस्थाओं के चलते जो आज़ादी दलितों को पिछले 73 साल में मिली है, उन्हें उसका मूल्य चुकाना पड़ रहा है और ये हिंसा आने वाले दिनों में बढ़ेगी."
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हाथरस केस से फिर उठा सवाल, पुलिस सिस्टम में है जातिवाद?
क्यों दलितों और सवर्णों के बीच टकराव बढ़ने की आशंका है?
वहीं, दलित नेता उदित राज कहते हैं कि सबसे पहले लोगों को ये स्वीकार करना होगा कि जातिगत भेदभाव होता है क्योंकि आज कई पढ़े-लिखे लोग भी ये मानने को तैयार नहीं होते.
उदित राज बीजेपी पर आरोप लगाते हैं कि सरकार निजीकरण लाकर आरक्षण की व्यवस्था ख़त्म करके इस असमानता को और बढ़ा रही है.
वो कहते हैं,"मौजूदा सरकार में नौकरशाहों के बीच डर ख़त्म हुआ है. जब नेताओं को ही दलितों की चिंता नहीं होगी तो इसका दबाव नौकरशाही पर कैसे बनाएंगे. "
ख़ाली पड़े अहम पद
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग और राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग में अध्यक्ष पद लंबे समय से खाली पड़े हैं.
सरकार की ओर से इन पर कोई नियुक्ति नहीं की गई है. ये संस्थाएं अनुसूचित जाति और जनजातियों के ख़िलाफ़ हो रहे अत्याचार पर नज़र रखती हैं.
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोगों की वेबसाइट पर भी अध्यक्ष के अलावा कई अन्य पद वैकेंट (रिक्त) दिखाई देते हैं.
उदित राज कहते हैं, “इन संस्थाओं की ऐसी स्थिति सरकार की इनके प्रति गंभीरता को दिखाती है. अगर सरकार वाकई दलितों को लेकर चिंतित होती तो क्या इतने महत्वूपर्ण पद भरे नहीं जाते? एक तरह से आप इन संस्थाओं को कमज़ोर ही कर रहे हैं.“
“पहले ही ये संस्थाएं बहुत ताकतवर नहीं हैं. इनके पास ना तो वित्तीय ताकत है और ना ही नियुक्तियां करने की स्वतंत्रता. इस कामों में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की भूमिका होती है. लेकिन, फिर भी ये संस्थाएं दबाव बनाने का काम करती हैं और ऐसे मामलों में पुलिस-प्रशासन से जवाब मांग सकती हैं.”
दलित रैलीइमेज स्रोत,GETTY IMAGES
हर स्तर पर भेदभाव
उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशकवीएन राय का मानना है कि समस्या क़ानून में नहीं बल्कि उनके क्रियान्वयन में है.
वीएन राय कहते हैं, “हमारे देश में क़ानून तो बहुत हैं लेकिन समस्या सामाजिक मूल्यों की है. अब भी ऊंची जाति के लोग दलितों को मनुष्यों का और बराबरी का दर्जा देने के लिए तैयार नहीं हैं. इसमें परिवर्तन हो रहा है लेकिन वो बहुत धीमा है.
“मीडिया, पुलिस महकमा, न्याय व्यवस्था सब जगह सोचने का तरीका अभी पूरी तरह बदला नहीं है. पुलिस स्टेशन पहली जगह है जहां कोई पीड़ित जाता है लेकिन कई बार वहां पर उसे बेरुखी मिलती है. न्याय पाना गरीबों के लिए हमेशा मुश्किल होता है और दलितों का एक बड़ा वर्ग आर्थिक रूप से कमज़ोर है.”
वीएन राय सुझाव देते हैं कि इसमें बदलाव के लिए सबसे पहले दलितों की आर्थिक स्थिति में सुधार किए जाने की ज़रूरत है.
वो कहते हैं कि गांवों में ज़मीन या संपत्ति का बंटवारा होना चाहिए ताकि वो भी आर्थिक तौर पर मजबूत हो सकें. इसके अलावा अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देना भी ज़रूरी है जिससे जाति की बेड़ियां टूट सकें.
पुलिस में क्या सुधार हो? इसके जवाब में वो कहते हैं कि पुलिस के व्यवहार में सुधार की बहुत ज़रूरत है, अपराध दर्ज कर कार्रवाई करना ही काफी नहीं है बल्कि ये काम संवेदनशीलता और गंभीरता के साथ किया जाना भी ज़रूरी है.
👉घोसी विधान सभा सीट के जीत की खुशी मे समाजवादी पार्टी कार्यालय भदरौली पर मनाया जीत का जश्न,
ब्यूरो डेस्क लक्ष्यसीमा न्यूज।
आगरा: समाजवादी पार्टी कार्यालय भदरौली पर श्रीकृष्ण वर्मा जिलाध्यक्ष समाजवादी पार्टी ने घोसी विधान सभा सीट की जीत की खुशी मे मनाया जश्न । श्रीकृष्ण वर्मा ने कार्यकर्ताओ और जनता मे लड्डू बाट कर खुशी का इजहार किया।
जिलाध्यक्ष श्रीकृष्ण वर्मा ने कार्यकर्ताओ से 2024 के लोक सभा चुनाव के लिए जोश भरा और लोगो से कहा कि समाजवादी पार्टी के कार्यो को लेकर लोगो के बीच मे जाये। निश्चित ही झुमले बाजो की सरकार का अंत होगा और समाजवादियो की जीत होगी।
इस मौके पर , प्रमोद वर्मा ,राधे वर्मा , ,अतर सिह नरवरिया,राजुद्दीन, राजवीर सिह दिलीप वर्मा,पुष्पेन्द वर्मा,डाक्टर रामशंकर, शेरसिंह नरवरिया, नीरज,बिपिन बघेल आदि उपस्थित हुए।
औरैया के बाबरपुर इस्लामनगर में मनाया गया चेहलम का त्यौहार शांतिपूर्वक घुमाऐ गये ताजिए।
औरैया के बाबरपुर इस्लामनगर में मनाया गया चेहलम का त्यौहार शांतिपूर्वक घुमाऐ गये ताजिए।
जनपद औरैया के अजीतमल तहसील के अंतर्गत बाबरपुर कस्बा इस्लामनगर में चेहलम का त्यौहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया और ताजिए भी घुमाऐ गये सभी मुस्लिम भाइयों ने आपस में गले मिलकर नफरतों को प्यार में बदल दिया जिसमें मुख्य रूप से शामिल रहे आमिर कुरैशी आसिफ सानू जावेद सद्दाम आमिर रोहित इन सभी लोगों ने मिलकर ताजिया बनाने वाले फरीद अहमद को शील्ड देकर सम्मानित किया?
जिलाधिकारी ने शिक्षक-शिक्षिकाओं को प्रशस्ति पत्र देकर किया सम्मानित, शिक्षक दिवस पर जनपद भर के विद्यालयों में आयोजित हुए कार्यक्रम।
डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से समूचे शिक्षक समुदाय को मिलती रहेगी प्रेरणा- डी0एम0
महान दार्शनिक, विद्वान, शिक्षाविद् एवं पूर्व राष्ट्रपति डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस पर पूरे जिले में आयोजित समारोह में शिक्षक-शिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया। इसी क्रम में जिलाधिकारी डा0 उज्ज्वल कुमार द्वारा शिक्षक दिवस के सुवअवसर पर उत्कृष्ट प्रधानाचार्यों, शिक्षकों को जनपद स्तर पर शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। क्रार्यक्रम के मुख्य अतिथि क्षेत्रीय सांसद डाॅ चन्द्रसैन जादौन रहें। इस सम्मान समारोह में शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करने वाले 10 प्रधानाचार्य, शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की महत्पूर्ण विशेषता यह रही कि कार्यक्रम में राजकीय, अशासकीय एवं वित्तविहीन विद्यालयों प्रधानाचार्य एवं शिक्षकगण सम्मिलित किये गये। जिलाधिकारी ने अपने सम्बोधन में कहा शिक्षक राष्ट्र के निर्माता हंै, आपको अपना श्रेष्ठ योगदान समाज एवं राष्ट्र हित में अपेक्षित है। क्षेत्रीय सांसद द्वारा अपने सम्बोधन में कहा कि समाज में शिक्षक ही समाज सुधारने का कार्य कर रहे हैं। उन्होने कहा कि हमें आपकी कार्यशैली पर गर्व है। सम्मानित शिक्षकों में राजकीय माध्यमिक विद्यालय बालक व बालिका से चयनित 02 प्रधानाचार्य एवं 02 अध्यापक प्रधानाचार्या राजकीय बालिका इण्टर काॅलेज टूण्डला, फिरोजाबाद मुदिता पाण्डेय, प्रधानाध्यापक राजकीय हाईस्कूल सोथरा, फिरोजाबाद रामपाल सिंह, सहायक अध्यापक राजकीय हाईस्कूल बसई मुहम्मदपुर, फिरोजाबाद के0वी0 सिंह, सहायक अध्यापक राजकीय हाईस्कूल कारीखेड़ा, फिरोजाबाद रमेश चन्द्र कठेरिया। अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय बालक व बालिका से चयनित 02 प्रधानाचार्य एवं 02 अध्यापक प्रधानाचार्या सुगरा बेगम गल्र्स इण्टर काॅलेज, फिरोजाबाद डा0 शमशाद बानो। प्रधानाचार्य श्री राणा प्रताप सिसोदिया इण्टर काॅलेज भौडे़ला टूण्डला फिरोजाबाद राजपाल ंिसंह, पी0टी0आई0 श्री पी0डी0 जैन इण्टर काॅलेज, फिरोजाबाद रविनन्दन, प्रवक्ता लोक राष्ट्रीय इण्टर काॅलेज, जसराना फिरोजाबाद अरूण कुमार। स्ववित्त पोषित माध्यमिक विद्यालय बालक व बालिका से चयनित 01 प्रधानाचार्य एवं 01 अध्यापक प्रधानाचार्य प्रहलादराय टिकमानी सरस्वती विद्या मन्दिर इ0का0 शिकोहाबाद फिरोजााबद सुभाष चन्द्र सिसौदिया, प्रवक्ता पुरातन सरस्वती विद्या मन्दिर इ0का0 शिकोहाबाद नारायण हरी हैं। कार्यक्रम का संचालन अशोक अनुरागी प्रधानचार्य, राजकीय हाईस्कूल बसई मुहम्मदपुर फिरोजाबाद द्वारा किया गया। शिक्षक सम्मान समारोह के अन्त में प्रभारी जिला विद्यालय निरीक्षक फिरोजाबाद मुदिता पाण्डेय द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया।
कार्यक्रम के उपरांत जिलाधिकारी प्राथमिक विद्यालय दबीयाई पहुंचे वहां उन्होने जनपद के सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज का दिन सभी के लिए प्रेरणास्रोत है, जब एक शिक्षक विभिन्न कठिनाईयों से जूझता हुआ भारत के सर्वोच्च संवैधनिक पद पर पहुॅचा। डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से सदैव ही समूचे शिक्षक समुदाय को प्रेरणा प्राप्त होती रहेगी। उन्होंने शिक्षकों को कर्तव्यबोध का एहसास कराते हुए कहा कि शिक्षक सदैव से ही सम्माननीय रहा है। आज के दौर में शैक्षणिक कार्य और अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है, क्योंकि अभिभावक अपने बच्चे को अधिकाधिक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाना चाहता है। सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक रूप से सुधार करते हुए विभिन्न मानकों को पूरा किया गया है। बहुत सारे शिक्षकों द्वारा नवाचार और स्वयं की प्रेरणा से विद्यालयों को सुधारा गया है। इस प्रकार से वर्तमान में छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो रहीं है। उन्होंने कर्तव्यबोध कराते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति का स्थान निर्धारित करता है कि आपका दायित्व क्या है। उन्होंने नकारात्मकता को छोड़ सकारात्मकता की ओर बढ़ने का संदेश देते हुए कहा कि इससे नये रास्ते खुलते हैं। कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी ने अध्यापक व अध्यापिकाओं को प्रशस्ति पत्र व बच्चों को स्कूल बैग वितरित किए, स्कूल बैग पाकर बच्चे गदगद खुश हो गए। कार्यक्रम के दौरान मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन, एसडीएम विवेक कुमार मिश्रा, बेसिक शिक्षाधिकारी आशीष पाण्डेय, हुमाना प्रोग्राम मैनेजर क्रिस्टीना सहित स्कूली छात्र-छात्राऐं एवं अध्यापक व अध्यापिकाऐं उपस्थित रहें।
कन्नौज ब्रेकिंग-- आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे पर भीषण हादसा,
तेज रफ्तार बस अनियंत्रित होकर पलटी,खाई में गिरी, बस में सवार एक महिला यात्री की हुई मौत, 20 से अधिक लोग हुए घायल,
सभी गंभीर घायलों को अस्पताल में कराया गया भर्ती, लखनऊ से आगरा जा रही थी बस,
मौके पर पहुँची पुलिस, सौरिख थाना क्षेत्र के 148 कट के पास हुआ हादसा।
नन्द बाबा दुग्ध मिशन" के अन्तर्गत गौवंशीय पशुओं में नस्ल सुधार एवं दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि हेतु""नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना" संचालित, उठाएं लाभ।
कानपुर देहात -संवाददाता/ कुलदीप कुमार/
जिलाधिकारी नेहा जैन ने बताया कि "नन्द बाबा दुग्ध मिशन" के अन्तर्गत गौवंशीय पशुओं में नस्ल सुधार एवं दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि हेतु"नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना" सरकार द्वारा प्रदेश के दस मण्डल मुख्यालयों के जनपदो अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज लखनऊ, कानपुर, झांसी, मेरठ, आगरा एवं बरेली में संचालित की जायेगी।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में उच्च उत्पादन क्षमता के गोवंश का संवर्धन, पशुओं की दुग्ध उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी।
प्रदेश में पशुपालकों के लिए उच्च उत्पादन क्षमता के गोवंश की उपलब्धता सुनिश्चित करना ।
रोजगार के अवसर प्रदान करना। पशुपालकों की आय को बढ़ाना।
उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में प्रदेश में 25 दुधारू गाय की 35 इकाईयां स्थापित की जायेंगी।
10 दुधारू गायों में साहीवाल, गिर, थारपारकर एवं गंगातीरी प्रजाति की गाये ही सम्मिलित की जायेगी। परन्तु गंगातीरी नस्ल के गोपाली इकाईयों में अधिकतम पांच गंगातीरी गोवंश अनुमन्य होंगे। परियोजना के दो विकल्प होंगे।
(क) लागत रु. 62,50,000 साहीवाल अथवा गिर अथया थारपारकर नस्ल के 25 गोवंश हेतु रु.100000 प्रति गोवंश के आधार पर आगणन किया जायेगा।
(ख) लागत रु.61,00,000 साहीवाल अथवा गिर अथवा थारपारकर नस्ल के 20 गोवंश के साथ- साथ गंगातीरी नस्ल के अधिकतम 5 गोवा गंगातीरी गोवंश क्रय का मूल्य रु. 70,000 प्रतिगोवंश के आधार पर आगणित किया जाएगा तथा साहीवाल अथवा गिर अथवा थारपारकर नस्ल की गायों का आगणन रु.100000 प्रतिगोवंश के आधार पर किया जायेगा।
कुल अनुदान परियोजना लागत का 50 प्रतिशत देय होगा।
(क) रु. 31,25,000 (साहीवाल अथवा गिर अथवा थारपारकर नस्ल के 25 गोवंश इकाई के लिए।
(ख) रु.30,50,000 (सायास अथवा गिर अथवा धारपारकर नस्ल के 20 गौवंश के साथ-साथ
5 गंगातीरी नस्ल की गाय हेतु।
लाभार्थी की पात्रता-
लाभार्थी स्थानीय निवासी होना चाहिए।लाभार्थी का आधार कार्ड अथवा पहचान पत्र होना चाहिए। गोपालन अथया महिष पालन का कम से कम तीन वर्षों का अनुभव होना चाहिए तथा
इसका प्रमाण सम्बन्धित मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा दिया गया हो।
इकाई स्थापना हेतु लगभग 0.5 एकड़ भूमि आवश्यक होगी। इसके अतिरिक्त लगभग 1.5 एकड़ की भूमि चारा उत्पादन हेतु स्वयं की अथवा पैतृक /साझेदारी अथवा न्यूनतम 07 वर्षों के लिए पंजीकृत अनुबंध पर भी गयी हो तथा भूमि परियोजना के अनुकूल (जलभराव इत्यादि से मुक्त हो। पूर्व में संचालित कामधेनु अथवा मिनी कामधेनु अथवा माइको कामधेनु योजना के लाभार्थियों को इस योजना का लाभ नहीं दिया जा सकेगा।
रिपोर्टर नरेंद्र कुमार लोकेशन सिकंदरा
स्लग विकसित भारत संकल्प यात्रा का ग्राम पंचायत बीसलपुर में हुआ आयोजन
एंकर सिकंदरा कानपुर देहात के विकासखंड संदलपुर क्षेत्र के ग्राम बीसलपुर में विकसित भारत संकल्प यात्रा का आयोजन किया गया जहां पर मुख्य अतिथि ब्लॉक प्रमुख संदलपुर राहुल तिवारी उर्फ मीनू तिवारी ने लोगों को केंद्र की मोदी व प्रदेश की योगी सरकार की उपलब्धियां के बारे में बताया वहीं ग्राम प्रधान द्वारा मुख्य अतिथि का स्वागत पुष्प माला पहनाकर किया गया बताते चलें कि ग्राम प्रधान मुलायम सिंह पाल के नेतृत्व में कार्यक्रम हुआ सरकार की प्रमुख योजनाओं का लाभ सभी तक पहुंचाने के लिए देशभर में विकसित भारत संकल्प योजना यात्रा कि जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके यह योजनाओं का लाभ सभी लाभार्थियों तक समय बध तरीके से पहुंचे इस कार्यक्रम में ग्राम पंचायत बीसलपुर में विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत विभिन्न विभिन्न विभागों सेअधिकारी वा कर्मचारी ने स्टार लगाकर केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी दी तथा गांव से शहर तक को समान विकास की रफ्तार दी जाए उन्होंने पक्का मकान जल नल योजना कनेक्शन बिजली कनेक्शन पीएम किसान सम्मन निधि जनधन खाता खुलवाए पीएम फसल योजना उज्ज्वला योजना इतिहास के तहत मिलने वाले लाभ का उल्लेख किया कहा कि देशभर के गांव सैकड़ो परिवारों को किसी भी सरकारी कार्यालय के चक्कर लगाना ना पड़े गांव के एक ही जगह पर सभी सुविधाओं का लाभ मिले और समस्या का समाधान हो इस मौके पर ग्राम विकास अधिकारी दिलीप कुमार पंचायत सहायक शिवम कप्तान किशोर प्रवीण द्विवेदी प्रधानाध्यापक पिंटू ग्राम प्रधान कसोलर छविराम रोहित राजेंद्र मनोहर सहित सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित रहे
आईपीएस आनंद मिश्रा ने दिया इस्तीफा, यह रही वजह…!
आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा जो वर्तमान में असम के लखीमपुर जिले में पुलिस अधीक्षक के रूप में तैनात हैं और मणिपुर जातीय संघर्ष पर विशेष जांच दल का हिस्सा हैं,
आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा जो वर्तमान में असम के लखीमपुर जिले में पुलिस अधीक्षक के रूप में तैनात हैं और मणिपुर जातीय संघर्ष पर विशेष जांच दल का हिस्सा हैं, ने “स्वतंत्रता और स्वतंत्रता” का जीवन जीने के लिए सेवा से अपना इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं। आनंद मिश्रा 2011 बैच के आईपीएस हैं उन्हें एक शानदार अधिकारी माना जाता है वह कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के प्रति अपने समर्पण और प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं।
असम के आईपीएस अफसर आनंद मिश्रा ने दिया इस्तीफा, बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा - assam ips officer anand mishra resigns may contest lok sabha elections on bjp बिहार से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे आईपीएस
आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा ने 18 दिसंबर को डीजीपी के माध्यम से असम के मुख्य सचिव को इस्तीफा सौंप दिया।
हालांकि मामला अब सामने आया है, आनंद ने अपना इस्तीफा मुख्य सचिव को भेजा है चर्चा है कि वह अगले साल यानी 2024 में लोकसभा चुनाव लड़ेंगे ऐसी संभावना है। कि वह बीजेपी के टिकट पर बिहार से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।
गरीब और असहाय लोगों की मदद के लिए मशीहा बनते नजर आ रहे समाजसेवी यूसुफ अंसारी ने आज मंगलवार को बजरियां स्थित अपने आवास पर सदर तहसीलदार कुंवर भूपेंद्र सिंह एवं रोशनी इलेक्ट्रॉनिक ग्रुप के सरपस्त यूसुफ अंसारी ने सहयोगियों के साथ तीन दर्जन गरीब महिलाओं को रजाईयां बांटने का काम कर दिखाया
उरई (जालौन)। रोशनी इलेक्ट्रॉनिक ग्रुप के सरपस्त एवं समाजसेवी यूसुफ अंसारी हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भीषण सर्दी से बचाव के लिए असहाय और बेसहारा गरीब दर्जनों महिलाओं अपने आवास पर सदर तहसीलदार उरई कुंवर भूपेन्द्र सिंह के मुख्य अतिथि में रजाईयों का वितरण किया गया। साहितिक एवं पहचान संस्था के उपाध्यक्ष एवं समाजसेवी यूसुफ अंसारी अलमारी वाले के नेतृत्व में साहितिक एवं पहचान संस्था के अध्यक्ष शफीकुर्रहमान कश्पी, चुन्ना हुसैन रिजवी, साबिर अंसारी, मुन्ना भाई, शब्बीर अंसारी, नासिर अंसारी, रियाज खान, आसिफ अंसार, यामीन अंसारी आदि सहयोगी के रूप में मौजूद रहे। इस मौके पर तहसीलदार कुंवर भूपेंद्र सिंह एवं समाजसेवी यूसुफ अंसारी गुलशन, विटोली, हमीदन, हसीना, सीमा, तबस्सुम, पूजा, ममता, वर्षा, रामदेई, गिरजा, अनीता, आमना, सलमा, आसिया, गुड्डी, राममूर्ति, आसिया, रीना, बिलकीस, छोटी बाई, चुन्नी देवी सहित तीन दर्जन महिलाओं को रजाईयों का वितरण किया।गरीब-असहाय महिलाओं ने रजाई मिलते उनके चेहरों पर खुशी नजर आयी।
UP Politics: बसपा नेता शाह आलम गुड्डू जमाली ने कहा कि 2024 का चुनाव देश के लिए काफी अहम है. हम संकल्प लेते हैं कि प्रदेश की ज्यादातर सीटों पर कब्जा कर मायावती को प्रधानमंत्री बनाएंगे.
BSP leader Guddu Jamali claims Mayawati will become Prime Minister in lok sabha election 2024 ann UP Politics: ऐसा हुआ तो 2024 में मायावती बनेंगी प्रधानमंत्री, बसपा नेता गुड्डू जमाली ने किया दावा
UP Politics: उत्तर प्रदेश में आगामी चुनाव को देखते हुए बहुजन समाज पार्टी अनुसूचित जाति और मुस्लिम के साथ पिछड़ों और अति पिछड़ों को भी अपने पक्ष में करने की मुहिम में जुट गई है, जिसके लिए चौहान सम्मेलन के जरिए पार्टी ने नया समीकरण साधने की कोशिश तेज कर दी हैं. बसपा की ओर से आजमगढ़ में चौहान युवा मंच व अखिल भारतीय चौहान महासभा के तत्वाधान में विधानसभा क्षेत्र मुबारकपुर के शाहगढ के एक मैरिज हाल में रविवार को एक विशाल जनसभा का आयोजन किया गया.
बसपा के इस सम्मेलन में मुख्य अतिथि पूर्व विधायक शाह आलम उर्फ़ गुड्डू जमाली और विशिष्ट अतिथि पूर्व एमएलसी डॉक्टर विजय प्रताप, हरिशचंद्र गौतम, वीरेंद्र चौहान ने हिस्सा लिया. इस कार्यक्रम में गुड्डू जमाली ने दावा किया कि 2024 का चुनाव बहुत अहम होने जा रहा है. इन चुनावों में बसपा की जीत होगी और बहन मायावती देश की प्रधानमंत्री बनेंगी. उन्होंने कहा कि देश में भाईचारा बना कर रखें, एक दूसरे की मदद कनेर से ही देश का भला होगा.
इस कार्यक्रम की शुरुआत में डॉक्टर भीम राव अंबेडकर बाबा साहब, सम्राट पृथ्वीराज चौहान और मान्यवर कांशी राम के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया गया. इस दौरान मुख्य अतिथि एवं पूर्व विधायक शाह आलम उर्फ़ गुड्डू जमाली ने कहा कि यह एक विचार गोष्ठी कार्यक्रम है. इसमें समाज को जागरूक होने की जरूरत है. समाज को शिक्षा के प्रति ईमानदारी रखनी होगी. तभी समाज अपने हक की लड़ाई लड़ सकेगा. बाबा साहब ने समाज के सभी लोगों को एक बड़ी ताकत दिया हैं. अपने महापुरुषों के बलिदान को याद कीजिए. देश में भाई चारा बनाए रखें. एक दूसरे की मदद करे तभी इस देश का भला हो सकता हैं.
शाह आलम गुड्डू जमाली ने कहा कि 2024 का चुनाव देश के लिए काफी अहम है और आज हम सब यहां संकल्प लेते हैं कि लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ सदर सीट सहित उत्तर प्रदेश की अधिकांश सीटों पर कब्जा करके बहन कुमारी मायावती जी को प्रधानमंत्री बनाएंगे. उन्होंने हाल में आजमगढ़ दौरे पर आए गृह मंत्री अमित शाह और सीएम योगी के बयानों पर कहा कि हर राजनीतिक दल के नेता अपने पक्ष की बात करते हैं उन्होंने भी किया, इसमें कुछ भी गलत नहीं है.
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Step 1: आरएनआई की आधिकारिक वेबसाइट www.rni.nic.in पर लॉग ऑन करें। Step 2: “आरएनआई दिशानिर्देश” के तहत शीर्षक सत्यापन के लिए दिशा-निर्देशों को ध्यान से पढ़ें। Step 3: वेबसाइट के होम पेज पर ऑनलाइन शीर्षक आवेदन के लिंक पर क्लिक करें। Step 4: ऑनलाइन आवेदन भरने के निर्देशों को ध्यान से पढ़ें और आवेदन करने के लिए आगे बढ़ें।
कमलेश
चेहरा नीच करके बैठीं एक महिलाइमेज स्रोत,© HINDUSTAN TIMES VIA GETTY IMAGES
चेहरा नीच करके बैठीं एक महिला
दलित युवकों की डंडों से की पिटाई... दलित लड़की के साथ रेप... दलितों के मंदिर में घुसने पर रोक... जातिगत उत्पीड़न और भेदभाव की ऐसी ख़बरें नई नहीं लगतीं.
पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 साल की एक दलित युवती के साथ कथित गैंगरेप और हत्या का मामला भी ऐसी ही एक सुर्खी बनकर आया.
और एक बार फिर दलितों के उत्पीड़न पर सवाल उठने लगे. कहा गया कि आज़ादी के 73 सालों बाद भी आज दलित सामनता के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
हर साल कई ऐसे घटनाएं होती हैं जो दलितों के ख़िलाफ़ हिंसा की कहानी बयां करती हैं.
राजस्थान में डंगावास में दलितों के ख़िलाफ़ हिंसा (2015), रोहित वेमुला (2016), तमिलनाडु में 17 साल की दलित लड़की का गैंगरेप और हत्या (2016), तेज़ म्यूज़िक के चलते सहारनपुर हिंसा (2017), भीमा कोरेगांव (2018) और डॉक्टर पायल तड़वी की आत्महत्या (2019), इन मामलों की पूरे देश में चर्चा हुई लेकिन सिलसिला फिर भी रुका नहीं.
इस बात की तस्दीक़ करते हैं राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हालिया आंकड़े, जो बताते हैं कि दलितों के ख़िलाफ़ अत्याचार के मामले कम होने के बजाय बढ़े हैं.
2019 में बढ़े दलितों पर अत्याचार के मामले
एनसीआरबी ने हाल ही में भारत में अपराध के साल 2019 के आँकड़े जारी किए जिनके मुताबिक अनुसूचित जातियों के साथ अपराध के मामलों में साल 2019 में 7.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
जहां 2018 में 42,793 मामले दर्ज हुए थे वहीं, 2019 में 45,935 मामले सामने आए.
इनमें सामान्य मारपीट के 13,273 मामले, अनुसूचित जाति/ जनजाति (अत्याचार निवारण) क़ानून के तहत 4,129 मामले और रेप के 3,486 मामले दर्ज हुए हैं.
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सिर पर हाथ रखकर बैठा व्यक्तिइमेज स्रोत,HINDUSTAN TIMES VIA GETTY IMAGES
राज्यों में सबसे ज़्यादा मामले 2378 उत्तर प्रदेश में और सबसे कम एक मामला मध्य प्रदेश में दर्ज किया गया.
सबसे बड़ा सवाल- दलितों पर अत्याचार, कुछ तो करो सरकार | Sandeep Chaudhary के साथ LIVE मोदी के न्यू इंडिया मे सबसे बड़े गुनाह 1) दलित होना 2) किसान होना 3) लड़की होना 4) युवा होना
इसके अलावा जम्मू और कश्मीर, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैंड और त्रिपुरा में एससी/एसटी अधिनियम में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है.
अनुसूचित जनजातियों के ख़िलाफ़ अपराध में साल 2019 में 26.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
जहां 2018 में 6,528 मामले सामने आए थे वहीं, 2019 में 8,257 मामले दर्ज हुए हैं.
दलितों के साथ भेदभाव के मामले भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी सामने आ रहे हैं.
कैलिफ़ोर्निया के डिपार्टमेंट ऑफ़ फ़ेयर इंप्लायमेंट और हाउसिंग ने सिस्को कंपनी में एक दलित कर्मचारी के साथ जातिगत भेदभाव करने के चलते 30 जून को मुक़दमा दर्ज कराया था.
इसके एक दिन बाद अमरीका स्थित आंबेडकर किंग स्टडी सर्किल (एकेएससी) ने 60 भारतीयों के साथ हुए जातिगत असमानता के अनुभवों को प्रकाशित किया था.
अमरीकी कंपनी सिस्को में एक दलित कर्मचारी के साथ कथित भेदभाव
क़ानून में प्रावधान
भारत में दलितों की सुरक्षा के लिए अनुसूचित जाति/ जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 मौजूद है.
इसके तहत एससी और एसटी वर्ग के सदस्यों के ख़िलाफ़ किए गए अपराधों का निपटारा किया जाता है.
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की तस्वीरेंइमेज स्रोत,GETTY IMAGES
इसमें अपराधों के संबंध में मुकदमा चलाने और दंड देने से लेकर पीड़ितों को राहत एवं पुनर्वास देने का प्रावधान किया गया है.
साथ ही ऐसे मामलों के तेज़ी से निपटारे के लिए विशेष अदालतों का गठन भी किया जाता है.
इसके अलावा अस्पृश्यता पर रोक लगाने के लिए अस्पृश्यता (अपराध) अधिनियम, 1955 बनाया गया था जिसे बाद में बदलकर नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम कर दिया गया.
इसके तहत छुआछूत के प्रयोग एवं उसे बढ़ावा देने वाले मामलों में दंड का प्रावधान है.
लेकिन जानकार बताते हैं, कुछ मामले तो मीडिया और राजनीतिक पार्टियों के हस्तक्षेप के कारण सबकी नज़र में आ जाते हैं लेकिन कई तो पुलिस थानों में दर्ज़ भी नहीं हो पाते.
ऐसे में समस्या कहां है, क्या क़ानून कमज़ोर है या उसे बनाने और लागू करने वालों की इच्छा शक्ति में कमी है?
‘’जागरूकता की कीमत’’
दलित आंदोलनइमेज स्रोत,GETTY IMAGES
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वो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख़बरें जो दिनभर सुर्खियां बनीं.
दिनभर: पूरा दिन,पूरी ख़बर
समाप्त
दलित हिंसा के लिए जानकार सामाजिक और राजनीतिक कारणों को ज़िम्मेदार मानते हैं.
दलित चिंतक चंद्रभान प्रसाद इसे दलितों में आ रही जागरूकता और मज़बूती की कीमत बताते हैं.
वो कहते हैं, “पहले दलितों पर हिंसक हमले नहीं होते थे. पहले छोटी-मोटी मारपीट की घटनाएं होती थीं. लेकिन, हिंसक वारदातें पिछले 10-15 सालों में बढ़ी हैं. जैसे-जैसे दलितों की तरक्की हो रही है वैसे-वैसे उन पर हमले बढ़ रहे हैं. यह क़ानूनी समस्या नहीं है बल्कि सामाजिक समस्या है."
चंद्रभान प्रसाद बताते हैं कि अमरीका में एक समय पर काले लोगों की चौराहों पर लिंचिंग होने लगी थी और यह सिलसिला 50 साल तक चला था.
उन्होंने बताया, "अमरीका में काले लोगों लिंचिंग तब शुरू होती है जब एक जनवरी, 1863 को अब्राहम लिंकन दासता उन्मूलन की घोषणा करते हैं. यानी जब तक काले किसी के गुलाम थे तब तक सुरक्षित थे क्योंकि वे किसी की संपत्ति थे. उनकी लिचिंग गुलामी के दौरान नहीं होती थी, उन पर किसी तरह की हिंसा होती भी थी तो केवल मालिक ही कर सकता था. कोई दूसरा गोरा आदमी आकर उनपर हमला नहीं कर सकता था क्योंकि मालिक अपनी संपत्ति की रक्षा करता था."
"जब काले लोगों को आज़ादी मिली तब उनकी लिंचिंग शुरू हुई. ठीक उसी तरह से भारत में संविधान और विभिन्न संस्थाओं के चलते जो आज़ादी दलितों को पिछले 73 साल में मिली है, उन्हें उसका मूल्य चुकाना पड़ रहा है और ये हिंसा आने वाले दिनों में बढ़ेगी."
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वहीं, दलित नेता उदित राज कहते हैं कि सबसे पहले लोगों को ये स्वीकार करना होगा कि जातिगत भेदभाव होता है क्योंकि आज कई पढ़े-लिखे लोग भी ये मानने को तैयार नहीं होते.
उदित राज बीजेपी पर आरोप लगाते हैं कि सरकार निजीकरण लाकर आरक्षण की व्यवस्था ख़त्म करके इस असमानता को और बढ़ा रही है.
वो कहते हैं,"मौजूदा सरकार में नौकरशाहों के बीच डर ख़त्म हुआ है. जब नेताओं को ही दलितों की चिंता नहीं होगी तो इसका दबाव नौकरशाही पर कैसे बनाएंगे. "
ख़ाली पड़े अहम पद
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग और राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग में अध्यक्ष पद लंबे समय से खाली पड़े हैं.
सरकार की ओर से इन पर कोई नियुक्ति नहीं की गई है. ये संस्थाएं अनुसूचित जाति और जनजातियों के ख़िलाफ़ हो रहे अत्याचार पर नज़र रखती हैं.
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोगों की वेबसाइट पर भी अध्यक्ष के अलावा कई अन्य पद वैकेंट (रिक्त) दिखाई देते हैं.
उदित राज कहते हैं, “इन संस्थाओं की ऐसी स्थिति सरकार की इनके प्रति गंभीरता को दिखाती है. अगर सरकार वाकई दलितों को लेकर चिंतित होती तो क्या इतने महत्वूपर्ण पद भरे नहीं जाते? एक तरह से आप इन संस्थाओं को कमज़ोर ही कर रहे हैं.“
“पहले ही ये संस्थाएं बहुत ताकतवर नहीं हैं. इनके पास ना तो वित्तीय ताकत है और ना ही नियुक्तियां करने की स्वतंत्रता. इस कामों में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की भूमिका होती है. लेकिन, फिर भी ये संस्थाएं दबाव बनाने का काम करती हैं और ऐसे मामलों में पुलिस-प्रशासन से जवाब मांग सकती हैं.”
दलित रैलीइमेज स्रोत,GETTY IMAGES
हर स्तर पर भेदभाव
उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशकवीएन राय का मानना है कि समस्या क़ानून में नहीं बल्कि उनके क्रियान्वयन में है.
वीएन राय कहते हैं, “हमारे देश में क़ानून तो बहुत हैं लेकिन समस्या सामाजिक मूल्यों की है. अब भी ऊंची जाति के लोग दलितों को मनुष्यों का और बराबरी का दर्जा देने के लिए तैयार नहीं हैं. इसमें परिवर्तन हो रहा है लेकिन वो बहुत धीमा है.
“मीडिया, पुलिस महकमा, न्याय व्यवस्था सब जगह सोचने का तरीका अभी पूरी तरह बदला नहीं है. पुलिस स्टेशन पहली जगह है जहां कोई पीड़ित जाता है लेकिन कई बार वहां पर उसे बेरुखी मिलती है. न्याय पाना गरीबों के लिए हमेशा मुश्किल होता है और दलितों का एक बड़ा वर्ग आर्थिक रूप से कमज़ोर है.”
वीएन राय सुझाव देते हैं कि इसमें बदलाव के लिए सबसे पहले दलितों की आर्थिक स्थिति में सुधार किए जाने की ज़रूरत है.
वो कहते हैं कि गांवों में ज़मीन या संपत्ति का बंटवारा होना चाहिए ताकि वो भी आर्थिक तौर पर मजबूत हो सकें. इसके अलावा अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देना भी ज़रूरी है जिससे जाति की बेड़ियां टूट सकें.
पुलिस में क्या सुधार हो? इसके जवाब में वो कहते हैं कि पुलिस के व्यवहार में सुधार की बहुत ज़रूरत है, अपराध दर्ज कर कार्रवाई करना ही काफी नहीं है बल्कि ये काम संवेदनशीलता और गंभीरता के साथ किया जाना भी ज़रूरी है.
👉घोसी विधान सभा सीट के जीत की खुशी मे समाजवादी पार्टी कार्यालय भदरौली पर मनाया जीत का जश्न,
ब्यूरो डेस्क लक्ष्यसीमा न्यूज।
आगरा: समाजवादी पार्टी कार्यालय भदरौली पर श्रीकृष्ण वर्मा जिलाध्यक्ष समाजवादी पार्टी ने घोसी विधान सभा सीट की जीत की खुशी मे मनाया जश्न । श्रीकृष्ण वर्मा ने कार्यकर्ताओ और जनता मे लड्डू बाट कर खुशी का इजहार किया।
जिलाध्यक्ष श्रीकृष्ण वर्मा ने कार्यकर्ताओ से 2024 के लोक सभा चुनाव के लिए जोश भरा और लोगो से कहा कि समाजवादी पार्टी के कार्यो को लेकर लोगो के बीच मे जाये। निश्चित ही झुमले बाजो की सरकार का अंत होगा और समाजवादियो की जीत होगी।
इस मौके पर , प्रमोद वर्मा ,राधे वर्मा , ,अतर सिह नरवरिया,राजुद्दीन, राजवीर सिह दिलीप वर्मा,पुष्पेन्द वर्मा,डाक्टर रामशंकर, शेरसिंह नरवरिया, नीरज,बिपिन बघेल आदि उपस्थित हुए।
औरैया के बाबरपुर इस्लामनगर में मनाया गया चेहलम का त्यौहार शांतिपूर्वक घुमाऐ गये ताजिए।
औरैया के बाबरपुर इस्लामनगर में मनाया गया चेहलम का त्यौहार शांतिपूर्वक घुमाऐ गये ताजिए।
जनपद औरैया के अजीतमल तहसील के अंतर्गत बाबरपुर कस्बा इस्लामनगर में चेहलम का त्यौहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया और ताजिए भी घुमाऐ गये सभी मुस्लिम भाइयों ने आपस में गले मिलकर नफरतों को प्यार में बदल दिया जिसमें मुख्य रूप से शामिल रहे आमिर कुरैशी आसिफ सानू जावेद सद्दाम आमिर रोहित इन सभी लोगों ने मिलकर ताजिया बनाने वाले फरीद अहमद को शील्ड देकर सम्मानित किया?
जिलाधिकारी ने शिक्षक-शिक्षिकाओं को प्रशस्ति पत्र देकर किया सम्मानित, शिक्षक दिवस पर जनपद भर के विद्यालयों में आयोजित हुए कार्यक्रम।
डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से समूचे शिक्षक समुदाय को मिलती रहेगी प्रेरणा- डी0एम0
महान दार्शनिक, विद्वान, शिक्षाविद् एवं पूर्व राष्ट्रपति डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस पर पूरे जिले में आयोजित समारोह में शिक्षक-शिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया। इसी क्रम में जिलाधिकारी डा0 उज्ज्वल कुमार द्वारा शिक्षक दिवस के सुवअवसर पर उत्कृष्ट प्रधानाचार्यों, शिक्षकों को जनपद स्तर पर शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। क्रार्यक्रम के मुख्य अतिथि क्षेत्रीय सांसद डाॅ चन्द्रसैन जादौन रहें। इस सम्मान समारोह में शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करने वाले 10 प्रधानाचार्य, शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की महत्पूर्ण विशेषता यह रही कि कार्यक्रम में राजकीय, अशासकीय एवं वित्तविहीन विद्यालयों प्रधानाचार्य एवं शिक्षकगण सम्मिलित किये गये। जिलाधिकारी ने अपने सम्बोधन में कहा शिक्षक राष्ट्र के निर्माता हंै, आपको अपना श्रेष्ठ योगदान समाज एवं राष्ट्र हित में अपेक्षित है। क्षेत्रीय सांसद द्वारा अपने सम्बोधन में कहा कि समाज में शिक्षक ही समाज सुधारने का कार्य कर रहे हैं। उन्होने कहा कि हमें आपकी कार्यशैली पर गर्व है। सम्मानित शिक्षकों में राजकीय माध्यमिक विद्यालय बालक व बालिका से चयनित 02 प्रधानाचार्य एवं 02 अध्यापक प्रधानाचार्या राजकीय बालिका इण्टर काॅलेज टूण्डला, फिरोजाबाद मुदिता पाण्डेय, प्रधानाध्यापक राजकीय हाईस्कूल सोथरा, फिरोजाबाद रामपाल सिंह, सहायक अध्यापक राजकीय हाईस्कूल बसई मुहम्मदपुर, फिरोजाबाद के0वी0 सिंह, सहायक अध्यापक राजकीय हाईस्कूल कारीखेड़ा, फिरोजाबाद रमेश चन्द्र कठेरिया। अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय बालक व बालिका से चयनित 02 प्रधानाचार्य एवं 02 अध्यापक प्रधानाचार्या सुगरा बेगम गल्र्स इण्टर काॅलेज, फिरोजाबाद डा0 शमशाद बानो। प्रधानाचार्य श्री राणा प्रताप सिसोदिया इण्टर काॅलेज भौडे़ला टूण्डला फिरोजाबाद राजपाल ंिसंह, पी0टी0आई0 श्री पी0डी0 जैन इण्टर काॅलेज, फिरोजाबाद रविनन्दन, प्रवक्ता लोक राष्ट्रीय इण्टर काॅलेज, जसराना फिरोजाबाद अरूण कुमार। स्ववित्त पोषित माध्यमिक विद्यालय बालक व बालिका से चयनित 01 प्रधानाचार्य एवं 01 अध्यापक प्रधानाचार्य प्रहलादराय टिकमानी सरस्वती विद्या मन्दिर इ0का0 शिकोहाबाद फिरोजााबद सुभाष चन्द्र सिसौदिया, प्रवक्ता पुरातन सरस्वती विद्या मन्दिर इ0का0 शिकोहाबाद नारायण हरी हैं। कार्यक्रम का संचालन अशोक अनुरागी प्रधानचार्य, राजकीय हाईस्कूल बसई मुहम्मदपुर फिरोजाबाद द्वारा किया गया। शिक्षक सम्मान समारोह के अन्त में प्रभारी जिला विद्यालय निरीक्षक फिरोजाबाद मुदिता पाण्डेय द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया।
कार्यक्रम के उपरांत जिलाधिकारी प्राथमिक विद्यालय दबीयाई पहुंचे वहां उन्होने जनपद के सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज का दिन सभी के लिए प्रेरणास्रोत है, जब एक शिक्षक विभिन्न कठिनाईयों से जूझता हुआ भारत के सर्वोच्च संवैधनिक पद पर पहुॅचा। डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से सदैव ही समूचे शिक्षक समुदाय को प्रेरणा प्राप्त होती रहेगी। उन्होंने शिक्षकों को कर्तव्यबोध का एहसास कराते हुए कहा कि शिक्षक सदैव से ही सम्माननीय रहा है। आज के दौर में शैक्षणिक कार्य और अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है, क्योंकि अभिभावक अपने बच्चे को अधिकाधिक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाना चाहता है। सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक रूप से सुधार करते हुए विभिन्न मानकों को पूरा किया गया है। बहुत सारे शिक्षकों द्वारा नवाचार और स्वयं की प्रेरणा से विद्यालयों को सुधारा गया है। इस प्रकार से वर्तमान में छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो रहीं है। उन्होंने कर्तव्यबोध कराते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति का स्थान निर्धारित करता है कि आपका दायित्व क्या है। उन्होंने नकारात्मकता को छोड़ सकारात्मकता की ओर बढ़ने का संदेश देते हुए कहा कि इससे नये रास्ते खुलते हैं। कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी ने अध्यापक व अध्यापिकाओं को प्रशस्ति पत्र व बच्चों को स्कूल बैग वितरित किए, स्कूल बैग पाकर बच्चे गदगद खुश हो गए। कार्यक्रम के दौरान मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन, एसडीएम विवेक कुमार मिश्रा, बेसिक शिक्षाधिकारी आशीष पाण्डेय, हुमाना प्रोग्राम मैनेजर क्रिस्टीना सहित स्कूली छात्र-छात्राऐं एवं अध्यापक व अध्यापिकाऐं उपस्थित रहें।
कन्नौज ब्रेकिंग-- आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे पर भीषण हादसा,
तेज रफ्तार बस अनियंत्रित होकर पलटी,खाई में गिरी, बस में सवार एक महिला यात्री की हुई मौत, 20 से अधिक लोग हुए घायल,
सभी गंभीर घायलों को अस्पताल में कराया गया भर्ती, लखनऊ से आगरा जा रही थी बस,
मौके पर पहुँची पुलिस, सौरिख थाना क्षेत्र के 148 कट के पास हुआ हादसा।
नन्द बाबा दुग्ध मिशन" के अन्तर्गत गौवंशीय पशुओं में नस्ल सुधार एवं दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि हेतु""नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना" संचालित, उठाएं लाभ।
कानपुर देहात -संवाददाता/ कुलदीप कुमार/
जिलाधिकारी नेहा जैन ने बताया कि "नन्द बाबा दुग्ध मिशन" के अन्तर्गत गौवंशीय पशुओं में नस्ल सुधार एवं दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि हेतु"नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना" सरकार द्वारा प्रदेश के दस मण्डल मुख्यालयों के जनपदो अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज लखनऊ, कानपुर, झांसी, मेरठ, आगरा एवं बरेली में संचालित की जायेगी।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में उच्च उत्पादन क्षमता के गोवंश का संवर्धन, पशुओं की दुग्ध उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी।
प्रदेश में पशुपालकों के लिए उच्च उत्पादन क्षमता के गोवंश की उपलब्धता सुनिश्चित करना ।
रोजगार के अवसर प्रदान करना। पशुपालकों की आय को बढ़ाना।
उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में प्रदेश में 25 दुधारू गाय की 35 इकाईयां स्थापित की जायेंगी।
10 दुधारू गायों में साहीवाल, गिर, थारपारकर एवं गंगातीरी प्रजाति की गाये ही सम्मिलित की जायेगी। परन्तु गंगातीरी नस्ल के गोपाली इकाईयों में अधिकतम पांच गंगातीरी गोवंश अनुमन्य होंगे। परियोजना के दो विकल्प होंगे।
(क) लागत रु. 62,50,000 साहीवाल अथवा गिर अथया थारपारकर नस्ल के 25 गोवंश हेतु रु.100000 प्रति गोवंश के आधार पर आगणन किया जायेगा।
(ख) लागत रु.61,00,000 साहीवाल अथवा गिर अथवा थारपारकर नस्ल के 20 गोवंश के साथ- साथ गंगातीरी नस्ल के अधिकतम 5 गोवा गंगातीरी गोवंश क्रय का मूल्य रु. 70,000 प्रतिगोवंश के आधार पर आगणित किया जाएगा तथा साहीवाल अथवा गिर अथवा थारपारकर नस्ल की गायों का आगणन रु.100000 प्रतिगोवंश के आधार पर किया जायेगा।
कुल अनुदान परियोजना लागत का 50 प्रतिशत देय होगा।
(क) रु. 31,25,000 (साहीवाल अथवा गिर अथवा थारपारकर नस्ल के 25 गोवंश इकाई के लिए।
(ख) रु.30,50,000 (सायास अथवा गिर अथवा धारपारकर नस्ल के 20 गौवंश के साथ-साथ
5 गंगातीरी नस्ल की गाय हेतु।
लाभार्थी की पात्रता-
लाभार्थी स्थानीय निवासी होना चाहिए।लाभार्थी का आधार कार्ड अथवा पहचान पत्र होना चाहिए। गोपालन अथया महिष पालन का कम से कम तीन वर्षों का अनुभव होना चाहिए तथा
इसका प्रमाण सम्बन्धित मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा दिया गया हो।
इकाई स्थापना हेतु लगभग 0.5 एकड़ भूमि आवश्यक होगी। इसके अतिरिक्त लगभग 1.5 एकड़ की भूमि चारा उत्पादन हेतु स्वयं की अथवा पैतृक /साझेदारी अथवा न्यूनतम 07 वर्षों के लिए पंजीकृत अनुबंध पर भी गयी हो तथा भूमि परियोजना के अनुकूल (जलभराव इत्यादि से मुक्त हो। पूर्व में संचालित कामधेनु अथवा मिनी कामधेनु अथवा माइको कामधेनु योजना के लाभार्थियों को इस योजना का लाभ नहीं दिया जा सकेगा।
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